– तुम्हारी शरारत –
– तुम्हारी शरारत –
मेरे दिल में बैचेनी बढ़ाए,
तूझसे जुदा होने का डर सताए,
ख्वाबों में ख्यालों में आए,
तुझसे मिलने की तलब जगाए,
एक पल भी चैन न आए,
तेरी याद मुझको बहुत आए,
यू रूठना तुम्हारा,
मनाना मेरा आंखे के सामने ढहर सा जाए,
तेरी बेरुखी मुझको रुलाए,
दिल मेरा घबराए जब तेरी शरारत हो जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान