तुम्हारी महफ़िल में जब भी आएं।
गज़ल
121…….22……121……22
तुम्हारी महफ़िल में जब भी आएं।
तुम्हें ही ढूंढे ………..मेरी निगाहें।
तुम्हीं नहीं हर नज़र है मुझ पर,
खुदाया कातिल… गज़ब अदाएं।
हमारे नैना …………बरस रहे हैं,
तुम्हारी यादें ……भिगो के जाएं।
मेरी ये दुनियां ……….तेरे हवाले,
चाहे मिटा दें ……….चाहे बनाएं।
यही दुआ है खुदा……… से मेरी,
जभी मिलें हम तुम्हीं ….को पाएं।
खुदाया तेरा ……..करम हो ऐसा,
हंसे ये दुनियां …..खिलें फिजाएं।
छत
सदा रहेंगे ………….तुम्हारे प्रेमी,
मिलें सभी……… प्रेम गीत गाएं।
……..✍️ प्रेमी