ममता तुम्हारी
तुम्हारी हर परेशानी,
परेशान कर जाती हैं।
तुम्हारे लिए,
कुछ ना कर सकूँ।।
ये बात भी तो,
परेशान कर जाती हैं।
मैं तुम्हे चाहता हूँ,
इस कद्र, कि…
ये चाहत भी अब,
परेशान कर जाती हैं।
ममता तुम्हारी,
ए आँचल न जाने क्यो?
मुझे पागलो से भी ज्यादा,
परेशान कर जाती हैं।।
ललकार भारद्वाज