“ तुम्हारा प्यार “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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आ जाओ तुम्हें जी भर के प्यार करूँ ,
सारी खुशियाँ तुम पर मैं निसार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
आ जाओ तुम्हें जी भर के प्यार करूँ ,
सारी खुशियाँ तुम पर मैं निसार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
शिकायतें तेरी सर आँखों पर ,
तेरा ख्याल मैं रखता रहूँगा !
तुम्हें छाया में रख करके ,
तापिस किरणों को सहलूँगा !!
शिकायतें तेरी सर आँखों पर ,
तेरा ख्याल मैं रखता रहूँगा !
तुम्हें छाया में रख करके ,
तापिस किरणों को सहलूँगा !!
तुम्हारे सुख में मिलती है खुशी हमको,
तुम्हारे दुख को मैं कैसे स्वीकार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
तुम्हारे सुख में मिलती है खुशी हमको ,
तुम्हारे दुख को मैं कैसे स्वीकार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
साथ मिलके चलेंगे राहों में ,
मंज़िल आसान हो जाएगी !
रुकेंगे फिर कभी ना हम ,
देखते यूँ सफर कट जाएगी !!
साथ मिलके चलेंगे राहों में ,
मंज़िल आसान हो जाएगी !
रुकेंगे फिर कभी ना हम ,
देखते यूँ सफर कट जाएगी !!
साथ रहने से मुझे सब मिल गया है ,
दूसरे का आखिर मैं क्यूँ इंतज़ार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
साथ रहने से मुझे सब मिल गया है ,
दूसरे का आखिर मैं क्यूँ इंतज़ार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
प्यार का बंधन लगा है ,
जन्मों तक हम निभाएंगे !
सात फेरे हमने लिया है ,
सात जन्मों हम चलाएंगे !!
प्यार का बंधन लगा है ,
जन्मों तक हम निभाएंगे !
सात फेरे हमने लिया है ,
सात जन्मों हम चलाएंगे !!
पलकों के आँगन में रख पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही सदा अंगीकार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
पलकों के आँगन में रख पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही सदा अंगीकार करूँ !
कभी कोई कमी होने न पाए तुमको ,
तुम्हें प्यार से ही हरदम दीदार करूँ !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
11.06.2022.