तुम्हारा एक दिन..………..एक सोच
तुम्हरा एक दिन जिंदगी का आज होता हैं।
हम तुम संग साथ तो चले कल न होता हैं।
जिंदगी के सफर में तुम्हरा एक दिन रहता हैं।
साल महीने और पल लम्हे तेरी यादों में रहते हैं।
हम चाहत के सफर में तुम्हरा एक दिन सोचते हैं।
बस तेरी हंसी और गालों की मुस्कान देखते हैं।
हम इंसान बहुत मतलबी और खुदगर्ज होते हैं।
तुम्हरा एक दिन बस हमारे मन भावों में रिश्ते हैं।
एतबार एहसास और हकीकत तुम्हरा एक दिन है।
हम तो बरसों से चाहत और मोहब्बत निभाते हैं।
सच तुम्हारा एक दिन हमारी जिंदगी में बसा है।
साथ फेरे और सात वचन को हम निभा रहे हैं।
हां हमसफ़र तुम्हारा एक दिन ही रंगमंच बस है।
न तेरा न मेरा साथ बस एक सोच उम्मीद रहती हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र