तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है
ग़ज़ल
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तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है,
तन्हा रहकर ये समझे तन्हाई क्या होती है !
यूँ तो बहुत सुना था जमाने के मुख से मगर,
करके इश्क ये जाना रुसवाई क्या होती है !
जिसने खाया न धोखा मुहब्बत मे यारो वो,
क्या जाने ग़ज़ल, नज्म रुबाई क्या होती है !
जिस पैर न पड़ी बिवाई भला वो क्या जाने,
हाल-ऐ-दिल उठती पीर पराई क्या होती है !
सिर्फ लफ्ज़ो की बयानी पर ना एतबार कर
ये समझ जज्बातों की गहराई क्या होती है !!
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स्वरचित : डी के निवातिया