तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
यूं ही छोड़ कर जाने का फ़ैसला न किया होगा।
दिल में कहीं छिपा दर्द था,
जिसे तुमने कभी जाहिर न किया होगा।
“संतोष”रातों में जागे होंगे ख़्वाब कई,
कुछ हसरतों ने शायद दिल को छुआ होगा।
पर तुमने मुस्कुराहट ओढ़ ली,
आंसुओं को कभी बहने न दिया होगा।
जाने क्यों कदम रुके नहीं,
क्या दिल ने तुझे रोका नहीं होगा?
तुमने सोचा तो होगा,
कि मेरे बिन जीना आसान न होगा।
पर शायद कुछ मजबूरियां थीं,
जिसे तुमने मुझे बता न सका होगा।
दिल में बोझ लिए जा रहे हो,
पर खुशी का कोई ढोंग रचा न सका होगा।
तुमने सोचा तो होगा,
यूं ही छोड़ कर जाने का फ़ैसला न किया होगा…!!!!