तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे
तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे
तुम्हारी याद में तड़पना भी अच्छा लगा मुझे
पी लिया ज़हर भी अमृत समझकर
तेरे लिए मरना भी अच्छा लगा मुझे
तेरा साथ ही तो माँगा था खुदा से
थोड़ा ही सही तेरे साथ सफर अच्छा लगा मुझे
खुली आँखों में तो दर्शन दुर्लभ है अब तेरे
सपनो के जहाँ में तुझे देखना भी अच्छा लगा मुझे
दर्द तो हिस्सा है अब ज़िन्दगी का
अब दर्द में जीना भी अच्छा लगा मुझे
हिज़ाब है चेहरे में तुम्हारे
हिज़ाब में देखना भी अच्छा लगा मुझे
दूर हो तुम मुझसे लेकिन मेरी यादों से नही
तुझे याद करना भी आज अच्छा लगा मुझे
डूब गई जब कश्ती समुंद्र में
तेरा काँधा भी आज अच्छा लगा मुझे
सुख गया समुंद्र भी आज बन्द आँखों का
नदी का समुंद्र में बदलना भी अच्छा लगा मुझे
भूपेंद्र रावत
1।11।2017