तुमने कितनो के दिल को तोड़ा है
हर शहर में रहती है तुम्हारी मासुका,
यार तुमने कितनों का दिल तोड़ा है।
हर किसी के साथ झूठे कसमें – वादे करते हो
किस – किस को झूठा दिलासा देकर तुमने छोड़ा है।।
ये हुनर कहाँ से सीखकर आये हो,
क्या तुमको भी किसी ने ऐसे छोड़ा है।
तुम जहां जाते हो नये रिश्ते बनाते हो
मेरी जान सच बताओ तुमने कितनों का दिल तोड़ा है।।
पहले जोड़ा है, फिर तोड़ा है फिर छोड़ा है तुमने सबको,
ये धंधा है, बेरहमी है या किसी चीज का बदला है।
घर मे खिलखिलाती थी जो किलकारी उन लड़कियों की
तुमने आँसू, दर्द, सन्नाटे मे उसको भी तो बदला है।।
ये दिलों से खेलकर तुम साबित क्या करना चाहते हो,
तुमने यार इश्क में सबको कायर बना दिया है।
और जो नही रुके आजतक तुमसे इश्क़ करते रहे
तुम्हारी तड़प ने यार उनको शायर बना दिया है।।