तुझे मैं क्या कहूँ?
तुझे मैं हकीकत कहूँ,
या कोई ख्वाब कहूँ,
मंजिल मान लूँ तुझे,
या फिर तलाश कहूँ,
इस भीड़ में तुझे ,
अजनबी या खास कहूँ,
मुश्किल सवाल या ,
आसान सा जवाब कहूँ,
तुझे मैं धोखा कहूँ ,
या फिर विश्वास कहूँ,
जिंदगी की रुकावट या,
तुझे अपनी सांस कहूँ,
एक कठोर पत्थर कहूँ,
या तुझे काँच कहूँ,
तुझे मैं यकीं कहूँ या,
अंदेशे भरी जांच कहूँ,
अश्कों की वजह कहूँ,
या खुशियों का जहान कहूँ,
थोड़ा सा वक़्त कहूँ,
या विस्तृत आसमान कहूँ,
परेशां हूँ मैं बेहद,
और अब क्या कहूँ?
तू ही बता दे मुझे,
तुझे मैं क्या कहूँ?