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21 Aug 2016 · 1 min read

तुझे अपने घर पे बुलाने से पहले

तुझे अपने घर पे बुलाने से पहले
सजा लूँ ये कमरा दिखाने से पहले

यहाँ अहतियातन जुरुरी बहुत है
परख लूँ मैं रिश्ता निभाने से पहले

वो फीका तबस्सुम वो अलसाई आँखें
वो रोया बहुत ख़त जलाने से पहले

अधिकतर महकमों में होता यही है
खिलाना ही पड़ता है खाने से पहले

नज़ीर नज़र

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