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12 Jul 2024 · 1 min read

तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।

गज़ल

221/1221/1221/212
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
ऐ चांद मेरे तुझसे मिलने आ रहा हूॅं मैं।1

ये दिल भी धड़कता है बड़ी जोर जोर से,
ज्यों पास तेरे आ रहा घबरा रहा हूॅं मैं।2

बीते हुए लम्हें भी मुझे याद आ रहे,
मिल भी न सके आज भी पछिता रहा हूं मैं।4

जब तक न मिलेंगे न मुझे चैन आएगा।
प्रेमी हूॅं मेरे प्यार तड़पता रहा हूं मैं।

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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