तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
गज़ल
221/1221/1221/212
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
ऐ चांद मेरे तुझसे मिलने आ रहा हूॅं मैं।1
ये दिल भी धड़कता है बड़ी जोर जोर से,
ज्यों पास तेरे आ रहा घबरा रहा हूॅं मैं।2
बीते हुए लम्हें भी मुझे याद आ रहे,
मिल भी न सके आज भी पछिता रहा हूं मैं।4
जब तक न मिलेंगे न मुझे चैन आएगा।
प्रेमी हूॅं मेरे प्यार तड़पता रहा हूं मैं।
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी