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28 May 2023 · 1 min read

तुंग द्रुम एक चारु 🌿☘️🍁☘️

तुंग द्रुम एक चारु

🥀🎄🌹💐💓🌹

लंबे दीर्घ अमूल्य द्रुम
दुर्गम शिखर श्रृंग पर
लघु तरु दर्रे घाटी में

मैदानों में बसा एक
अद्रि परिवार समाज

नग तल पग थल में
नीरवता प्राण फूकती

फल फूल एक बाग बसा
अद्भुत द्रुम विशाल बना

संजीवनी रुख प्राण भरा
छिपा उत्तम पर्णी महीधर

चारू चांद छवि युक्त ये
पर्वत श्रृंग की पानी से

प्राण प्रतिष्ठा गति धारा
रंग रंगीले चित पर्णी

रूक्षता की चारू सी
लिपट भूभृत शाखीय

आकर्षक द्रुम चारू की
सेव नारंगी आडू खुरमानी

काजू अखरोट फूलदानी
सीढ़ी नुमा खेतों में इनके

सब्जी कनक दाल धान
पनीरी कर व्यापार चलते

इनके जीवन शैली पानी
वेश भूषा रंग रूप धरोहर

शैल श्रृंग की मधुबाला तुंग
परी चारू तुंग द्रुम की चारू

कविः –
तारकेश्वर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
3 Likes · 392 Views
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