“तिलस्मी सफर”
“तिलस्मी सफर”
जितनी दूरी उतना ही आकर्षण
उतना ही रोमांच
उतनी ही परिकल्पनाएँ,
उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से दूर
क्या हो सकता भला
इसको लेकर इंसानों ने
कल्पना के घोड़े बहुत दौड़ाए।
“तिलस्मी सफर”
जितनी दूरी उतना ही आकर्षण
उतना ही रोमांच
उतनी ही परिकल्पनाएँ,
उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से दूर
क्या हो सकता भला
इसको लेकर इंसानों ने
कल्पना के घोड़े बहुत दौड़ाए।