तिरंगा फहराते हैं।
चलो हर गली हर घर पे तिरंगा फहराते हैं।
दिल से याद उन्हें करते हैं जो लौटकर घर ना आए हैं।।1।।
हर घड़ी हर पहर जश्नें आजादी मनाते हैं।
तोड़कर सारे बंधन जात पात के एक दूजे को गले लगाते हैं।।2।।
जज्बे को उनके सलाम हम सब करते है।
श्रद्धांजलि का इक दिया उन शहीदों के नाम जलाते हैं।।3।।
बच्चे जवां बूढ़े को उनके नाम बताते है।
देश की खातिर जिन वीरों ने हंसते हंसते अपने प्राण गवाएं हैं।।4।।
धरती अंबर भर देते हैं आजादी की हुंकारो से।
हिंदुस्तान की मिट्टी को अपने सर माथे पर लगाते हैं।।5।।
शहीदों के सम्मान में रंग ए आज़ादी उड़ाते है।
सरफरोशी की तमन्ना दिल में रखकर इक नया हिंदुस्तान बनाते हैं।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ