Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2022 · 1 min read

तिरंगा जहाँ में सदा लहलहाए।

ग़ज़ल

122……122……122……122
तिरंगा जहाँ में सदा लहलहाए।
मेरा देश हरदम हँसे मुस्कुराए।

किसी भी दशा में भी दुश्मन के आगे,
खुदाया कभी सिर न अपना झुकाए।

के बर्बादी के ढेर पर है ये दुनियां,
झपकते पलक ये कहीं मिट न जाए।

तबाही का मंजर है चारों तरफ ही,
दुआएं करो के उन्हें अक्ल आए।

अगर कर सको तो करो कुछ भी ऐसा,
के हर कोई नगमें ग़ज़ल गीत गाए।

है उम्मीद पर ही टिकी सारी दुनियां,
हुआ कम अँधेरा उजाला भी आए।

बँधो विश्व बंधुत्व की भावना से,
ये सारा जहाँ फिर हँसे खिलखिलाए।

……,✍️प्रेमी

1 Like · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
तुम मन मंदिर में आ जाना
तुम मन मंदिर में आ जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अंगदान
अंगदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तू  मेरी जान तू ही जिंदगी बन गई
तू मेरी जान तू ही जिंदगी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
Atul "Krishn"
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
Ye sham uski yad me gujarti nahi,
Ye sham uski yad me gujarti nahi,
Sakshi Tripathi
आपको हम
आपको हम
Dr fauzia Naseem shad
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समय
समय
Paras Nath Jha
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
#सामयिक_विमर्श
#सामयिक_विमर्श
*Author प्रणय प्रभात*
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
होली
होली
Mukesh Kumar Sonkar
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
Harminder Kaur
माँ शेरावली है आनेवाली
माँ शेरावली है आनेवाली
Basant Bhagawan Roy
अष्टम कन्या पूजन करें,
अष्टम कन्या पूजन करें,
Neelam Sharma
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
" आज भी है "
Aarti sirsat
Loading...