तितली
रंग बिरंगे पंखों वाली,
उड़ती जाए डाली-डाली,
फूलों का मन पढ़ती-पढ़ती,
रंगीन बनी तितली आली।
तितली मन को भाती इतनी,
फूलों की संगत हो जितनी,
हम भी हों तितली के जैसे,
सुंदर हो फिर दुनिया कितनी।
रंग-बिरंगे होंगे सपने,
गैर लगेंगे सारे अपने,
मेल बढ़ेगा मौज़ करेंगे,
तितली बनके रोज उड़ेंगे।
आर.एस.प्रीतम
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