“तितली जैसी प्यारी बिटिया”: कविता
उड़ती हुई तितली के,
जैसी आजाद हो तुम,
खिलते हुए फूलों के,
जैसी खूबसूरत हो तुम!!
घाट की प्यारी हवा की,
महकती एहसास हो तुम,
पत्तों पर इतरती-इठलाती,
वो ओस की बूंद हो तुम!!
एक खूबसूरत सा राज हो तुम,
थोड़ी नासमझ, नादान हो तुम,
बिटिया सबकी मुस्कान हो तुम,
नन्हें आशियाने की जान हो तुम!!