Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2020 · 1 min read

तितली आई

तितली आई तितली आई
घर आंगन मेरे तितली आई
रंग बिरंगी पंखों वाली
फर फर फर फर उड़ने वाली
घर पर मेरे तितली आई
घूम घूम के हर फूलों पर
सुगंध है क्या उसने फैलाई
तितली आई तितली आई
घर आंगन मेरे तितली आई
बैठ फूलों के सुनहरे पंखों
प्यार की गीत सुनाती है
झुपके से जब पकड़ने जाता
फुर्र कर वो उड़ जाती है
तितली आई तितली आई
आंगन मेरे तितली आई

संजय कुमार✍️✍️

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
Sonam Puneet Dubey
कृतिकार का परिचय/
कृतिकार का परिचय/"पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
Seema gupta,Alwar
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
झूठ न इतना बोलिए
झूठ न इतना बोलिए
Paras Nath Jha
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
"चिढ़ अगर भीगने से है तो
*प्रणय प्रभात*
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
Sanjay ' शून्य'
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत
Shashi kala vyas
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
Lokesh Sharma
Outsmart Anxiety
Outsmart Anxiety
पूर्वार्थ
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
नारी
नारी
Bodhisatva kastooriya
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
पथ नहीं होता सरल
पथ नहीं होता सरल
surenderpal vaidya
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तू नर नहीं नारायण है
तू नर नहीं नारायण है
Dr. Upasana Pandey
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*चाय ,पकौड़ी और बरसात (हास्य व्यंग्य)*
*चाय ,पकौड़ी और बरसात (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
संतोष
संतोष
Manju Singh
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
Sunil Maheshwari
जब मैं लिखता हूँ
जब मैं लिखता हूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अगर आप रिश्ते
अगर आप रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...