तितलियाँ
हवा की
नदी पर बहती
रंग बिरंगी
टितलियाँ
अपने
पंखों
से झरते
संगीतके स्वरों
के साथ
बेफिक्र ,
बेपरवाह
आनंद की लहरों
पर इतराती जाती हैं
एक दूसरे का
हौसला
बढ़ाती हुई
बलखाती हैं
कुछ देर फूलों
के झूलों पर
झूलकर फिर
निकल पड़ती हैं
अपनी मोहक यात्रा पर
रंग बिरंगी
तितलियाँ