तारे हैं आसमां में हजारों हजार दोस्त।
गज़ल
221/2121/1221/212
तारे हैं आसमां में हजारों हजार दोस्त।
सबसे हसीन आपका हो खुशगवार दोस्त।
हो जाए आपका तो रहे आपका ही बस,
कितना भी चाहें लाख उसे बेशुमार दोस्त।
हर राह पर लगे के बिछे हर कदम गुलाब,
जीवन में चुभ न पाए कभी कोई खार दोस्त।
देता है जो सभी को वही देगा आपको,
गहराइयों से दिल की दुआ और प्यार दोस्त।
“प्रेमी” तमाम याद रखें उम्र भर जिसे,
तुम में हरेक इल्म है नगमा निगार दोस्त।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी