*तारे (बाल कविता)*
तारे (बाल कविता)
आसमान में कितने तारे
आओ देखें गिन कर सारे
आसमान को यह चमकाते
झिलमिल करके रंग जमाते
किसने सोचो इन्हें बनाया
आसमान में जा बैठाया
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
तारे (बाल कविता)
आसमान में कितने तारे
आओ देखें गिन कर सारे
आसमान को यह चमकाते
झिलमिल करके रंग जमाते
किसने सोचो इन्हें बनाया
आसमान में जा बैठाया
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451