तारीफ़ करू क्या मै तेरी, तू कितनी सुन्दर है !
तारीफ़ करू क्या मै तेरी,
तू कितनी सुन्दर है !
“जैनी” तेरी यादों का, मेरे दिल में बवंडर है !
चेहरे पर मुस्कान तुम्हारे
जबसे देखा है ,
तेरे हाथो में अपनी अब,
किश्मत रेखा है !
दुःख सुख में हम है न,
तुमको काहे का डर है !
“जैनी” तेरी यादों का,मेरे दिल में बवंडर है !
जलने वाले जल जायेगे,
देख हमें जो जलते है !
झूम उठे दिल आज हमारा,
चलो दूर कही चलते है !
मौसम सर्दी का है जानू,
माह दिसंबर है !
“जैनी” तेरी यादों का,मेरे दिल में बवंडर है !
कवि आशीष तिवारी जुगनू 8871887126