तस्वीर डराने बाली है
अपने ही देश में हुए पराए
चुनावी हिंसा के हुए सताए
शरणार्थी बन आसाम में आए
191 शिविरों में रहने आए
हिंसा की तस्वीर देखिए, तस्वीर डराने वाली है
23 लोग मारे गए, खबर चार बलात्कार की काली है
2157 पर हमला, 39 को दुष्कर्म की धमकी
3886 की धन संपत्ति, हिंसा में स्वाहा की
लूटपाट हिंसा हत्या बलात्कार के डर से
शरणार्थी बनने पर मजबूर हैं
कैंसा है यह लोकतंत्र शिविरों में रहने मजबूर हैं
हम अपने ही घर से दूर है, शरणार्थी बनने मजबूर हैं
कहां गए वो पत्रकार मीडिया
जो तिल का ताड़ बनाते हैं?
बंगाल में हिंसा की घटनाओं को, नहीं दिखाते हैं?
क्यों इतनी व्यापक हिंसा पर,सारे चुप हो जाते हैं?
कहां गए वे धर्म निरपेक्ष राजनैतिक दल,जरा जरा में चिल्लाते हैं? बंगाल घटनाओं पर क्यों चुप्पी साधे हैं?
कहां हैं मानवता वादी, घड़ियाली आंसू बहाते हैं?
कहां हैं वे कोर्ट,जो रात में भी लग जाते हैं?
सुरेश चतुर्वेदी
(आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका के आधार पर)