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5 Sep 2017 · 1 min read

तलाश

राह मिल नहीं रहा ,
भटक रहे है सब
रोशनी की तलाश में,
दिन के बाद रात
रात्रि के बाद प्रभात
हर लम्हा सिर्फ
एक खोज ऊजाले की,
फिर भी कमबख्त
हाथ आती नहीं रोशनी,
शायद यह तलाश अब
जारी रहेगा ताउम्र… !

Language: Hindi
291 Views
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