तलाश है।
अंधेरों में भी,
उजालों की तलाश है।
डुबते हुए इंसान को,
तिनके की आश है।
अंधेरों में भी . . . . . .
पल पल मौत को,
करीब आते हुए देखा है।
जीने की तमन्ना में,
मौत से लड़ना भी सीखा है।
मौत अटल है,
हाथों की लकीरों में लिखा है।
किसी को हारते,
किसी को जीतते हुए देखा है।
मौत में भी,
जीवन की प्यास है।
अंधेरों में भी . . . . . .
लाख हार हो,
पर जीत अपना ही मानकर चलें।
जीवन का सूरज,
समय से पहले न ढ़ले।
सपनों को संजोए,
सपने मन आंखों में पले।
काम कर जाओ ऐसा,
मरने के बाद आत्मा को न खले।
करो संकल्प,
जीवन में भी मौत का अट्टहास है।
अंधेरों में भी . . . . . .