Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

तरुण

तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
शरम से ऑंखें झुकाता है प्रलय।
जाग, सद्नायक बने औ बना दे।
राष्ट्र-तम पर अरुण-आभा का निलय।

जाग जाएं जन,तभी बलवान बन।
राष्ट्र छूले व्योम विकसित भानु-सम।
धरा तब आनंदमय अति हर्ष है।
प्रेममय दिखता तरुण जब ज्ञान बन।

तरुण जाग जाए स्वराष्ट्र का,तब ही तो सचमुच विकास है।
जन जन के बंधुत्वरूप का उच्चभाल उर का प्रकाश है।
उच्च सजगता का सु वास सह दिव्य प्रेम की सबल साधना,
के बल से ही विश्वभूमि पर, आर्य देश ज्ञानी अकाश है।

पं बृजेश कुमार नायक

177 Views
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
View all

You may also like these posts

*अहमब्रह्मास्मि9*
*अहमब्रह्मास्मि9*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
Subhash Singhai
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
Abhishek Soni
वृद्धाश्रम इस समस्या का
वृद्धाश्रम इस समस्या का
Dr fauzia Naseem shad
यहां लोग-बाग अपने
यहां लोग-बाग अपने "नॉटिफिकेशन" तक तो देखते नहीं। औरों की पोस
*प्रणय*
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
फादर्स डे ( Father's Day )
फादर्स डे ( Father's Day )
Atul "Krishn"
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा पंचक. . . .
दोहा पंचक. . . .
sushil sarna
श्रमिक दिवस
श्रमिक दिवस
Bodhisatva kastooriya
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
gurudeenverma198
What's that solemn voice calling upon me
What's that solemn voice calling upon me
सुकृति
छंदहीनता
छंदहीनता
Rambali Mishra
दूरी
दूरी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
धैर्य
धैर्य
Sanjay ' शून्य'
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
manjula chauhan
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय माता दी
जय माता दी
Raju Gajbhiye
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
3893.💐 *पूर्णिका* 💐
3893.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
विश्रान्ति.
विश्रान्ति.
Heera S
नव भानु
नव भानु
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
संदेशे भेजूं कैसे?
संदेशे भेजूं कैसे?
Manisha Manjari
Loading...