Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2017 · 1 min read

तबाही का मंजर

हैराँ है धरती परेशां है अम्बर
बतला रहा है तबाही का मंजर ।
पापों की गर्मी से कांपे ये धरती
विष की घटा से ढँका है ये अम्बर ।।

किसी की हो करनी किसी को हो भरनी
बतला ही देता तबाही का मंजर ।
पछताओगे क्या ?अपने किये पर
अब खुद के ही सीने में खुद का है खंजर ।।

मानो भी सच को न मानोगे कब तक
झुठी ये दुनियां झूठा बबंडर ।
हम भी न होंगें तुम भी न होंगे
बनाते रहे गर हम धरती को बंजर ।।

हमारी हो श्र्द्धा हम विश्वास उनका
देखा है जिनने तबाही का मंजर ।
मानो न मानो तुम्हारी ख़ुशी है
देखेंगे हम भी तबाही का मंजर ।।

Language: Hindi
1 Like · 732 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
देश भक्ति का ढोंग
देश भक्ति का ढोंग
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
Sanjay ' शून्य'
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Akash Yadav
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
अभी और कभी
अभी और कभी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा सुकून
मेरा सुकून
Umesh Kumar Sharma
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपनाना है तो इन्हे अपना
अपनाना है तो इन्हे अपना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
माँ
माँ
श्याम सिंह बिष्ट
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
manjula chauhan
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ज्यादा मिठास शक के घेरे में आती है
Priya princess panwar
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटियाँ
बेटियाँ
Mamta Rani
जो होता है सही  होता  है
जो होता है सही होता है
Anil Mishra Prahari
💐प्रेम कौतुक-304💐
💐प्रेम कौतुक-304💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
mujhe needno se jagaya tha tumne
mujhe needno se jagaya tha tumne
Anand.sharma
*विश्वामित्र (कुंडलिया)*
*विश्वामित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
सच तो रोशनी का आना हैं
सच तो रोशनी का आना हैं
Neeraj Agarwal
3213.*पूर्णिका*
3213.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...