तन पर हल्की सी धुल लग जाए,
तन पर हल्की सी धुल लग जाए,
तो सो बार नहाता है।
मन पर लाखों परतें लगी पड़ी हैं,
धुल की एक बार भी उन्हें नहीं धो ता है
ए इन्सान समझ ले तू ये, की मन से बड़ा न दुस्मन कोई। न मन से बड़ा मीत कोई।
तन पर हल्की सी धुल लग जाए,
तो सो बार नहाता है।
मन पर लाखों परतें लगी पड़ी हैं,
धुल की एक बार भी उन्हें नहीं धो ता है
ए इन्सान समझ ले तू ये, की मन से बड़ा न दुस्मन कोई। न मन से बड़ा मीत कोई।