तन्हाई
चाह थी आँखों की जो वर्षों पुरानी,
आज उसको खा गई तेरी नादानी ।
हाय! दिल दुहरा नहीं सकती कहानी,
देख अरमा बन गई है आज पानी,
हसीन अरमा लुट गई जब गुंजी शहनाई ने,
गम की अल्फाजें ही लाई बेवफा तन्हाई ने।
चाह थी आँखों की जो वर्षों पुरानी,
आज उसको खा गई तेरी नादानी ।
हाय! दिल दुहरा नहीं सकती कहानी,
देख अरमा बन गई है आज पानी,
हसीन अरमा लुट गई जब गुंजी शहनाई ने,
गम की अल्फाजें ही लाई बेवफा तन्हाई ने।