तख्तो – ताज की चाहत नहीं मुझको
1.
तख्तो – ताज की
चाहत नहीं मुझको
एक अदद इबादत के
ख़ुलूस से नवाज़ दे मुझको
2.
तस्लीम पेश करता हूँ
तेरी तारीफ में ऐ मेरे खुदा
तेरी आँखों का नूर हो सकूं
इस एहसास से नेकी की राह
अता कर मुझको
1.
तख्तो – ताज की
चाहत नहीं मुझको
एक अदद इबादत के
ख़ुलूस से नवाज़ दे मुझको
2.
तस्लीम पेश करता हूँ
तेरी तारीफ में ऐ मेरे खुदा
तेरी आँखों का नूर हो सकूं
इस एहसास से नेकी की राह
अता कर मुझको