तकदीर
उस करसाज की लिखी होती हैं तकदीर
इंसा के हाथों कभी गढ़ी होती है तकदीर
कभी दर्दों गम का खुला पैगाम है तकदीर
कभी खुशियों का भरा अंबार है तकदीर |
लम्हा लम्हा बदल जाती है तकदीर
रफ्ता रफ्ता बदल जाती है तकदीर |
अनंत माने न माने तकदीर के झमेलों को
खुदा की नैमत है हमारी रूह है तकदीर |