डॉक्टर (बाल कविता)
बाल कविता : डॉक्टर
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काम हमारे आते डॉक्टर
सारे रोग भगाते डॉक्टर (1)
जब पड़ते बीमार कभी तो
हमको दवा सुझाते डॉक्टर(2)
कहने को तो यह मनुष्य हैं
पर ईश्वर कहलाते डॉक्टर(3)
इन्हें रात – दिन चैन कहाँ है
भागम – भाग लगाते डॉक्टर(4)
जब रोगी निरोग हो जाता
मन ही मन मुस्काते डॉक्टर(5)
जिनकी डिग्री झूठी है वह
मूरख सिर्फ बनाते डॉक्टर(6)
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रचयिता: रवि प्रकाश, रामपुर