डिजिटल
डिजिटल हुई मोहब्बत और शादियां भी डिजिटल
रिश्तों में फार्मेलिटी है जो निभ रहें हैं डिजिटल
हाल – चाल अब तो कोर्रम का उदाहरण है
चैट में समाहित हर रिश्तों का व्याकरण है
अब कौन मिल रहा है रूबरू हो फिजिकल
रिश्तों में फार्मेलिटी है जो निभ रहें हैं डिजिटल
मोबाइल ही आजकल के रिश्ते चला रहें हैं
बस जन्म और मरण के सन्देश ला रहे हैं
खुशियाँ दुबक के बैठी कोने में होके मेंटल
रिश्तों में फार्मेलिटी है जो निभ रहें हैं डिजिटल
मोबाइल के मामले में सब कर रहे हैं उँगली
जवाब में किसी के अब भेजते हैं उँगली
सवाल -ए – लॉजिकल का जवाब है इलॉजिकल
रिश्तों में फार्मेलिटी है जो निभ रहें हैं डिजिटल
बच्चों की डोर भी अब चलभाष्य से बँधी हैं
चलभाष्य की इच्छाएं बच्चों पे जा सधी हैं
मोबाइल हो या बचपन बस हो गया है ऑप्शनल
रिश्तों में फार्मेलिटी है जो निभ रहें हैं डिजिटल
-सिद्धार्थ गोरखपुरी