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22 Jul 2023 · 1 min read

डायन

एक फेसबुक मित्र ने कथित देवी काली के बदरंग-विकराल चेहरे (पता नहीं किसने इनके चेहरे देखे…अपने दादा-परदादा का चेहरा न देखे लोग भी इन आभासी/काल्पनिक चेहरों में विश्वास किये बैठे हैं) को अपनी फेसबुक-स्टेटस का हिस्सा बनाते हुए काली के इस रूप को ‘डायन’ से तुलना की है. जबकि वे झूठों-बकवास के गढंतों के प्रति सावधान रहते तो ‘डायन’ की बेहूदी कल्पना को स्वीकार न कर बैठते.

कई कुलीन-बदमाशियों की तरह ‘डायन’ के कॉन्सेप्ट में भी काफी बेहूदगियाँ समाई हुई हैं.

‘डायन’ को पैदा करना सामंती व ब्राह्मणी धत्कर्म है बॉस…..देखिएगा, सवर्णों की ‘आत्मा’ में एवं शहरों में प्रायः डायन निवास नहीं करतीं! तंत्र-मन्त्र जैसा कुछ होता है क्या? भला, कोई अबला मंतर मात्र मारकार किसी आदमी की हत्या कर सकती है क्या? डायन को इस शक्ति से परिपूर्ण बताया जाता है.

सच तो यह है कि कमजोर घरों की महिलाओं को डायन करार दे समाज के आम दकियानूस ख्याल लोगों के धार्मिक मन का दोहन कर गांव के दबंग अथवा कुलीन अपनी मनमानी हांकते हैं.

बहरहाल, यहाँ आप भुक्तभोगी युवतियों को डायन और, डायन का खेल रच अपना वर्चस्व साधने वाले ग्रामीण लठैतों को आसाराम & कंपनी के प्रतीकों में रखकर भी बात को समझ सकते हैं!

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