★डर★
कि लगता है डर जिन्हें अभी देखकर अपनी इतनी सारी किताबों को । ये डर उस दिन मुस्कान में बदल जाएगा। जब आप देखोगे अपने कमरे में रखे उन हसीन खिताबों को । तब आप शुक्रिया अदा करना चाहोगे उन किताबों को । मगर शायद वो किताबों का गट्ठर। तेरी इन हसीन आंखों को नजर नहीं आएगा। शायद उस दिन तेरी तरक्की से तेरी कुटिया जगमगा जाएगी। वह तरक्की तेरे चेहरे पर एक अजीब सी हंसी बनकर के छा जाएगी ।तेरी तरक्की की खबर को सुनकर तेरे मां बाप का सर गर्व से ऊंचा हो जाएगा । तेरा हर ख्वाब जिस दिन हकीकत में बदल जाएगा मेरे भाई जब तेरी परीक्षा का परिणाम आएगा। शायद तब तुझे उन किताबों का असर दिख जाएगा। यह डर है मेरे भाई कड़ी मेहनत के सामने कभी नहीं टिक पाएगा। तू एक बार कोशिश तो कर जीत जाएगा । लगता है डर जिन्हें अभी देखकर अपनी इतनी सारी किताबों को ये डर उस दिन मुस्कान में बदल जाएगा। जिस दिन तेरा पूरा परिवार तेरी तरक्की की खुशियों का जश्न मनाएगा।।। ★IPS KAMAL THAKUR ★