Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2018 · 1 min read

“” डर हैं मजाक बन जाने का””

हंसने में बेवकूफ़ समझे जाने का डर हैं।।
रोने में जज्बाती समझे जाने का डर है।।

लोगों से मिलने में नाते जुड जाने का डर है।।
अपनी भावनाएँ प्रकट करने में, मन की सच्ची बात खुल जाने का डर है।।

अपने विचार, अपने सपने लोगों से कहने में, उनके चुरा लिए जाने का डर है।।

किसी को प्रेम करने पर बदले में प्रेम न पाने का डर है।।

जीने में मरने का डर है…
आशा में निराशा का डर हैं…

कोशिश करने में असफलता का डर हैं।।

डर कैसा भी हो सामना जरूर करें.,
डर से डरकर मरना नही उसका सामना करते हुए मरे तो कोई गिला नहीं, पर डर का मुकाबला करने के लिए डटे रहे।।।

जो शख्स जिन्दगी में डर से डरकर बैठ जाते हैं।।
वे जिन्दगी में दुख दर्द से बच सकते हैं।।

लेकिन वो सीखने, संघर्ष करने, महसूस करने बदलाव लाने, आगे बढने, प्रेम करने और जीवन जीने को नहीं सीख पाते हैं।।

(मेरी तरह लगे रहो लक्ष्य को हासिल करने के लिए देखते किस्मत नसीब कहाँ तक जाता है।।
एक दिन तो आना पडेगा नसीब को भी मेरे पास लेकर अपना दामन)

“” “” “” “” “” “” “” धन्यवाद “” “” “” “” “” “” “”

Language: Hindi
1 Like · 590 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
Mahender Singh
💐प्रेम कौतुक-209💐
💐प्रेम कौतुक-209💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
surenderpal vaidya
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
जिनमें बिना किसी विरोध के अपनी गलतियों
जिनमें बिना किसी विरोध के अपनी गलतियों
Paras Nath Jha
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
अपना मन
अपना मन
Harish Chandra Pande
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आर.एस. 'प्रीतम'
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
Manoj Kushwaha PS
मुर्दा समाज
मुर्दा समाज
Rekha Drolia
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
असली अभागा कौन ???
असली अभागा कौन ???
VINOD CHAUHAN
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
#गीत :--
#गीत :--
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
Aadarsh Dubey
2729.*पूर्णिका*
2729.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
*अपना भारत*
*अपना भारत*
मनोज कर्ण
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
DrLakshman Jha Parimal
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...