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22 Jul 2016 · 1 min read

ठुमरी हो या गजल हो……….

एक रचना दिल से………………आपकी नजर

ठुमरी हो या गजल हो या हो कोई कविता
रागनी हो या फिर तुम हो चंचल कोई सरिता
********************************
स्वरों की जान हो या लिखने का कोई सलीका
सुरों से सुर मिलाने का या तुम हो कोई तरीका
**********************************
डमरू की नाद हो तुम या श्रंगार कोई शिवा का
तबले की तान हो तुम या झंकार कोई वीणा का
***********************************
बांसुरी की धुन में हो तुम संदेश कोई राधा का
मन मंदिर में जैसे हो तुम उपदेश कोई गीता का
**********************************
मृदंग की गूंज हो या शंखनाद कोई किसी का
जन्मों की साधना या प्रत्यक्ष फल कोई इसी का
***********************************
बच्चों की मुस्कान हो तुम या स्रोत कोई ख़ुशी का
कृपा माँ सरस्वती की या आश्रीवाद कोई उसी का
***********************************
कपिल कुमार
19/07/2016

343 Views
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