ठीक-ठाक चल रहा सभी कुछ, इतना भी क्या कम है (गीत)
ठीक-ठाक चल रहा सभी कुछ, इतना भी क्या कम है (गीत)
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ठीक-ठाक चल रहा सभी कुछ, इतना भी क्या कम है
(1)
चाह नहीं किंचित महलों में, सुख के साधन पाऊॅं
चैन भरा घर एक बहुत है, रोजाना सो जाऊॅं
छोटी-मोटी विपदाऍं हैं, बड़ा नहीं कुछ गम है
(2)
हाथ-पैर हैं सही सलामत ,ऑंखों से दिखता है
काम सही मस्तिष्क कर रहा, अच्छे-से लिखता है
दिल की धड़कन नियमबद्ध है ,दॉंतों में भी दम है
(3)
मन जो चाह रहा होता है, नित पूरा हो जाता
भले जेब का बटुआ भारी,कभी नहीं हो पाता
सॉंसों की लय-ताल मधुर है, उनका समुचित क्रम है
ठीक-ठाक चल रहा सभी कुछ, इतना भी क्या कम है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615451