ठण्ड का असर
हवा में ठण्ड का असर दिख रहा है
चुप-चुप सा यह शहर दिख रहा है
बहता था कल-कल नदिया के जैसे
जम गया सा वो ही मगर दिख रहा है
चाय,कॉफी की चुस्की,हलवा,पकौड़े
संग छुट्टी के यह दिवस बीत रहा है
निकलेंगे कल कैसे रजाई को त्यागे,
यह चिंतन मन को मगर टीस रहा है
(सभी कर्मचारियों को समर्पित ???)
✍हेमा तिवारी भट्ट✍