“टेंशन को टा-टा”
“टेंशन को टा-टा”
जड़ों से दूर होते इंसान
घिर रहे तनाव में,
दरअसल आनन्द अगर है तो
प्रकृति से जुड़ाव में।
बेहतर यही पौधों को पानी दो
खेती-बाड़ी से जुड़ जाओ,
जंगलों औ’ बगीचों में घूमकर
तनावों को दूर भगाओ।
“टेंशन को टा-टा”
जड़ों से दूर होते इंसान
घिर रहे तनाव में,
दरअसल आनन्द अगर है तो
प्रकृति से जुड़ाव में।
बेहतर यही पौधों को पानी दो
खेती-बाड़ी से जुड़ जाओ,
जंगलों औ’ बगीचों में घूमकर
तनावों को दूर भगाओ।