टीस
कुछ यादों की टीस है बहुत गहरी
कैसे बताओ, उन्हें भुलाया जाए….
खो गए थे शहरों की चकाचौंध में
चलो गांव को फिर से बसाया जाए….
कब तक बैठे रहेंगे चांद के इंतजार में
दीया ही मिलकर चलो अब जलाया जाए….
कुछ यादों की टीस है बहुत गहरी
कैसे बताओ, उन्हें भुलाया जाए….
खो गए थे शहरों की चकाचौंध में
चलो गांव को फिर से बसाया जाए….
कब तक बैठे रहेंगे चांद के इंतजार में
दीया ही मिलकर चलो अब जलाया जाए….