टीके का असर (एक हास्य व्यंग्य)
टीके का असर (एक हास्य व्यंग्य)
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एक सहेली ने फोन उठाया,
अपनी दूसरी सहेली को फोन लगाया,
बोली,”बहन तुमने टीका लगवाया,
अगर लगवाया तो क्या असर पाया”।
दूसरी सहेली तपाक से बोली,
“मैंने अपने ही नहीं,
अपने पति को भी टीका लगवाया,
जिसका बहुत भयंकर असर पाया”।
पहले तो उनसे लडने मे मेरा
पांच मिनिट मे सांस फूल जाता था,
और उनका भी सांस फूल जाता था
अब तो पांच घंटे में भी सांस नहीं फूलता”।
दूसरी सहेली,बात काटते बोली
“तूने ये पहले क्यों नहीं बताया,
मै तो अभी जाकर टीका लगवाती हूं,
और अपने पतिदेव को पछाड़ती हूं”।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम