टिप्पणी
आप कौन होते हैं टिप्पणी करने वाले,
आप कौन होते हैं मुझे बताने ,
वाले कि मुझे क्या करना चाहिए?
कितना पढ़ना चाहिए,
कहां जाना चाहिए,
या फिर क्या पहनना चाहिए,
वो लड़का है उससे मत करो,
या फ़िर वो लड़की है उसे मत करो,
मैं तो कहूंगी,
सबसे पहले अपनी सोच का दरवाजा खोलो,
या इतना मत बोलो,
कि कोई तुमसे ना बोले,
बड़े हो इसलिए इज्जत करती हूं ,
और जब तक मैं सही हूं तब तक किसी से नहीं डरती हूं,
शोक तुम्हारा है ,
सपने तुहारे हैं,
पूरा करो,
कल अपना किस ने देखा है,
खुद के लिए खड़े हो,
टिप्पणी करने वाले कोई दूध के धुले नहीं होते हैं,
या फ़िर स्वर्ग से उतरे नहीं होते हैं,
अपने सोच के पैमाने में सबको नापते हैं,
और खुद को बुद्धिमान बताते हैं,
ये लोग हैं जनाब,
यहां टिप्पणियाँ तो करेंगे ही,
खुद के बच्चों पर नहीं,
लेकिन
दूसरो के बच्चों पर तो उंगलियां उठाई जाएंगी ही,