*टिकने ना देंगे हम हिंदुस्तान में*
===== ?✍?गीत
टिकने ना देंगे हम हिंदुस्तान में
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कोरोना के कह दिया है कान में
टिकने ना देंगे हम हिंदुस्तान में
चीन डोल या जा तू पाकिस्तान में
टिकनें ना देंगे हम हिंदुस्तान में
डर- डर के ना काम कोई हम करते हैं
विपदाओं से हंसकर हम तो लड़ते हैं
हिम्मत बहुत बची है अपनी जान में
टिकनें ना देंगे हम हिंदुस्तान में
भाईचारा तोड़ ना अपना पाएगा
तू भी आखिर कब तक यूं लड़ पाएगा
ढूंढ ही लेंगे बसा तू जिसकी जान में
टिकनें ना देंगे हम हिंदुस्तान में
तेरे खातिर घर से ना निकलेंगे हम
ये ना समझना तुझसे बहुत डरते हैं हम
फैंक देंगे तुझको पीक दान में
टिकनें ना देंगे हम हिंदुस्तान में
तुझको गरूर तेरा ही खा जाएगा
भाग कोरोना गीत तू रो -रो गाएगा
दफना देंगे तुझको हम श्मशान में
टिकने ना देंगे हम हिंदुस्तान में
कुछ दिन और बाहर निकलना भारी है
जंग हमारी तुझसे घर से जारी है
घुसनें ना देंगे हम तुझे मकान में
टिकनें ना देंगे हम हिंदुस्तान में
आओ मिलकर ढूंढें कुछ हल इसके
काट फैंकदो उड़ने वाले पर इसके
फिर से खिलेंगे गुल “सागर” गुलदान में
टिकनें ना देंगे हम हिंदुस्तान में
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मूल व अप्रकाशित गीत
गीतकार…. डॉ.नरेश कुमार “सागर”
गांव- मुरादपुर, सागर कॉलोनी, जिला -हापुड (उत्तर प्रदेश)
9149087291