Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2023 · 1 min read

*ज्ञानी (बाल कविता)*

ज्ञानी (बाल कविता)

ज्ञानीजन होते महान हैं
छूते देखो आसमान हैं
ज्ञानीजन को सब कुछ आता
पर उनको अभिमान न भाता
पढ़-लिखकर ज्ञानी बन जाना
ज्ञान बॉंट कर लेकिन खाना

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

602 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
एक कहानी लिख डाली.....✍️
एक कहानी लिख डाली.....✍️
singh kunwar sarvendra vikram
#मेरा अनुभव आपके साथ#
#मेरा अनुभव आपके साथ#
कृष्णकांत गुर्जर
शोषण (ललितपद छंद)
शोषण (ललितपद छंद)
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
DrLakshman Jha Parimal
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
पंकज कुमार कर्ण
हनुमान जी के गदा
हनुमान जी के गदा
Santosh kumar Miri
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
खेल और भावना
खेल और भावना
Mahender Singh
गीत
गीत
Mangu singh
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
सोनू हंस
"नेक नीयत"
Dr. Kishan tandon kranti
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
4002.💐 *पूर्णिका* 💐
4002.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कौन यहाँ पर पीर है,
कौन यहाँ पर पीर है,
sushil sarna
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
क्षणिका
क्षणिका
Vibha Jain
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
Neeraj Mishra " नीर "
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
मानसिक स्वस्थ
मानसिक स्वस्थ
पूर्वार्थ
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
Diwakar Mahto
Loading...