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2 Jul 2023 · 1 min read

*ज्ञानी (बाल कविता)*

ज्ञानी (बाल कविता)

ज्ञानीजन होते महान हैं
छूते देखो आसमान हैं
ज्ञानीजन को सब कुछ आता
पर उनको अभिमान न भाता
पढ़-लिखकर ज्ञानी बन जाना
ज्ञान बॉंट कर लेकिन खाना

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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