जो सफर को जिंदगी माने थे ओ सफर से ही अब ऊब गए……
जो सफर को जिंदगी माने थे
ओ सफर से ही अब ऊब गए
जो हाथ पकड़ चलते थे
ओ औरो के साथ दूर गए
जो तन्हा होने से डरते थे,
मुझको ही तन्हा छोड़ गये
क्या याद नही हमारी आती होगी,
किसको अब सताती होगी
अपना सब कुछ जो माने थे
हमको,एक पल को जो दूर हुये
सब कुछ ओ भूल गए।