जो मिले…कायर ही मिले,
शख्स जो भी मिले कायर ही मिले,संभाला ना गया…वादा..
जख्म जो मिले जहर ही मिले संभाला ना गया …कायदा..
अख्या जो ना मिले अख्ज़ ही मिले रह गया तू सादा ही सदा।
फिक्र नाआसेब ,अज़ाबकी ,जिक्र ए अज़्ज k क्या फायदा.✍️अश्रु
( आसेब _दुश्मनी ,अज़ाब _पीड़ा, ,
अख्ज़ _छीननेवाला/लोभी, अज़्ज _परखना,
अख्या_विवरण, )