***जो मिलना, मिल जाएगा***
न सोचना कि
जरूरत है मुझ को तेरी
मैं तो फ़क़ीर हूँ
किसी राह भी चल दूंगा
रूक कर क्या
करूंगा,
किस चीज के लिए
मैं यहाँ ठहरूंगा
किस्मत में जब
चलना लिखा हो , तो
राह भर में
ही मिल जाएगा
चाहे वो प्रेम हो,
या हो किसी का इन्तेजार
मिलना होगा
तो बस यूं ही मिल जाएगा
आन्धी आये
या आये कोई भी आपदा
मिलने वाले को तो
वो उस में भी मिल जाएगा
यूं ही लोग
न जाने क्यूं, किसी का
इन्तेजार करते हैं
ता उम्र उसका ख्याल
किया करते हैं
वकत के साथ उस का
दीदार किया करते हैं
क्यूं करते हो खुद को
इतना तुम बेकरार
मिलने वाले तो जिन्दगी के
मोड़ पर न जाने
कहाँ कहाँ मिल जाएगा….
अजीत कुमार तलवार
मेरठ