“जो मां से प्यार करता है”
मां वो सच्चा मोती है ,जो अंधेरे में भी चमकता है।
कभी नहीं वह हार सकता, जो मां से प्यार करता है।।
अपनी खुशियां त्याग कर, तेरी इच्छा पूरी करती है।
चाहे खुद भूखी रहे, तेरा पेट प्यार से भरती है।।
मां घर का वो श्रृंगार है, जिससे तेरा जीवन सजता है।
कभी नहीं वह हार सकता ,जो मां से प्यार करता है।।
कितनी भी हो कठिनाइयां ,तुझको मंजिल पाने में।
लाख मिलेंगी मुसीबतें ,तुझको इस जमाने में।।
मां का आशीर्वाद साथ है तो, दुनिया से क्यों डरता है ।
कभी नहीं वह हार सकता ,जो मां से प्यार करता है।।
क्या लेना इस दुनिया से, झूठी है रिश्तेदारी है।
मां बेटे का रिश्ता अनोखा, पड़ता सब पर भारी है।।
मां भगवान का रूप है, गौरव स्वीकार करता है।
कभी नहीं वह हार सकता , जो मां से प्यार करता है।।
गौरव सिंघल ( झज्जर हरियाणा)